फिल्म सुहाग सिन्दूर (1961) से लता मंगेशकर का एक भूला हुआ लेकिन अच्छा गीत । संगीत चित्रगुप्त द्वारा रचित है। लिरिक्स राजिंदर कृष्ण के हैं। फिल्म में बलराज साहनी, माला सिन्हा, मनोज कुमार प्रमुख भूमिकाओं में हैं। फिल्म से एक तलत महमूद लता मंगेशकर की युगल गीत पोस्ट किया है:
जो मैं छोटी सी होती है बदरिया
जो मैं छोटी सी होती है बदरिया
किसी प्यासे की प्यास बुझाते
जो मैं चंदा की होती चंदनिया होती
जो मैं चंदा की होती चंदनिया
तो जमी पे उजाले बिछाट्स
जो मैं छोटी सी हरियाली होती बहार तो मैं आके न जाता होता बहार तो मैं आके न जाता बाघों की दुनिया सदा मुस्कुराती बाघों की दुनिया सदा मुस्कुराती चंपा चमेली कही गेंदा गुलाब लगाकर फूल फूल सजा देती जो मैं छोटी सी होती बदरिया किसी प्यासे की प्यास बुझा जो मैं छोटी सी होती बदरी होती है पावन तो मैं धीरे धीरे से बहती होती पावन तो मैं धीरे से बहती विरहन से प्रीतम का संदेश कहती विरहन से प्रीतम का संदेश कहती करले सिंगार पिया आयेंगे आज
जो मैं छोटी सी होती है बदरिया
जो मैं छोटी सी होती है बदरिया
किसी प्यासे की प्यास बुझाते
जो मैं चंदा की होती चंदनिया होती
जो मैं चंदा की होती चंदनिया
तो जमी पे उजाले बिछाट्स
जो मैं छोटी सी हरियाली होती बहार तो मैं आके न जाता होता बहार तो मैं आके न जाता बाघों की दुनिया सदा मुस्कुराती बाघों की दुनिया सदा मुस्कुराती चंपा चमेली कही गेंदा गुलाब लगाकर फूल फूल सजा देती जो मैं छोटी सी होती बदरिया किसी प्यासे की प्यास बुझा जो मैं छोटी सी होती बदरी होती है पावन तो मैं धीरे धीरे से बहती होती पावन तो मैं धीरे से बहती विरहन से प्रीतम का संदेश कहती विरहन से प्रीतम का संदेश कहती करले सिंगार पिया आयेंगे आज
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