क़िस्सा ‘सिंदूर’ का
आज भी रेखा के माथे पर लाल चटख सिंदूर देखा जाता है, जबकि हिंदू मान्याता के अनुसार सिर्फ सुहागन स्त्रियां ही अपनी मांग पर सिंदूर लगा सकती हैं।
ग़ौरतलब है कि रेखा के पति मुकेश अग्रवाल की मृत्यु तो साल 1991 में ही हो गई थी, लेकिन आज भी वो सिंदूर लगाती हैं और यह भी उनके जीवन से जुड़ा एक रहस्य है।
लेकिन कम लोग ही जानते होंगे कि रेखा ने सिंदूर लगाना काफी पहले से ही शुरू कर दिया था। इस बात का खुलासा भी उन्होने अपनी किताब में किया है।
22 जनवरी 1980 को जब ऋषि कपूर और नीतू सिंह की शादी का मौका था। नीतू, रेखा की अच्छी दोस्त थीं। आरके स्टूडियो को दुल्हन की तरह सजाया गया था।
अमिताभ बच्चन उनकी पत्नी जया बच्चन और उनके माता पिता समेत बॉलीवुड की कई दिग्गज हस्तियां शादी में शरीक हुई थीं। अमिताभ मनमोहन देसाई से बात कर रहे थे और जया अपनी सास तेजी बच्चन के साथ बैठी हुई थीं।
उसी वक्त रेखा ने सफेद साड़ी में एंट्री की, उन्होंने माथे पर बड़ी लाल बिंदी लगा रखी थी। लेकिन जिस चीज ने उन सभी का ध्यान खींचा वह था उनकी मांग में लगा लाल चटख सिंदूर।
सभी कैमरे ऋषि और नीतू से हटकर रेखा की ओर मुड़ गए। सभी यह जानना चाहते थे कि क्या रेखा ने शादी कर ली है। सिने ब्लिट्स की रिपोर्ट के मुताबिक रेखा ऋषि और नीतू को मुबारकबाद देने के बाद आर.के. स्टूडियो के बगीचे में जाकर खड़ी हो गईं,
लेकिन उनकी आंखे लगातार अमिताभ को ताक रही थीं। थोड़ी हिम्मत जुटाने के बाद रेखा अपनी क्लोज फ्रेंड स्नेहलता पांडे के पास गईं, जो एक डॉक्टर थीं।
इसके कुछ देर बाद वह अमिताभ के पास जाकर खड़ी हो गईं। सभी नजरें अब इन दोनों पर थीं। वे दोनों कुछ देर तक सामान्य बातचीत करते रहे। स्टारडस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक वह कुछ देर तक तो धैर्यपूर्वक खड़ी रहीं और फिर उनकी आंखों से आंसू छलकने लगे।
अमिताभ बच्चन उनकी पत्नी जया बच्चन और उनके माता पिता समेत बॉलीवुड की कई दिग्गज हस्तियां शादी में शरीक हुई थीं। अमिताभ मनमोहन देसाई से बात कर रहे थे और जया अपनी सास तेजी बच्चन के साथ बैठी हुई थीं।
उसी वक्त रेखा ने सफेद साड़ी में एंट्री की, उन्होंने माथे पर बड़ी लाल बिंदी लगा रखी थी। लेकिन जिस चीज ने उन सभी का ध्यान खींचा वह था उनकी मांग में लगा लाल चटख सिंदूर।
सभी कैमरे ऋषि और नीतू से हटकर रेखा की ओर मुड़ गए। सभी यह जानना चाहते थे कि क्या रेखा ने शादी कर ली है। सिने ब्लिट्स की रिपोर्ट के मुताबिक रेखा ऋषि और नीतू को मुबारकबाद देने के बाद आर.के. स्टूडियो के बगीचे में जाकर खड़ी हो गईं,
लेकिन उनकी आंखे लगातार अमिताभ को ताक रही थीं। थोड़ी हिम्मत जुटाने के बाद रेखा अपनी क्लोज फ्रेंड स्नेहलता पांडे के पास गईं, जो एक डॉक्टर थीं।
इसके कुछ देर बाद वह अमिताभ के पास जाकर खड़ी हो गईं। सभी नजरें अब इन दोनों पर थीं। वे दोनों कुछ देर तक सामान्य बातचीत करते रहे। स्टारडस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक वह कुछ देर तक तो धैर्यपूर्वक खड़ी रहीं और फिर उनकी आंखों से आंसू छलकने लगे।
हालांकि बाद में रेखा ने यह साफ किया कि उस दिन रेखा सीधे एक शूट से लौट रही थीं और उनके माथे पर लगा सिंदूर और गले में पड़ा मंगलसूत्र उनके मेकअप का हिस्सा था, जिसे वह हटाना भूल गई थीं।
हालांकि, साल 1982 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक जब रेखा को ‘उमराव जान’ फिल्म के लिए नेशनल अवार्ड दिया जा रहा था, तब राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने उनसे ‘सिंदूर’ पर सवाल पूछ ही लिया। इस बात का जवाब देते हुए रेखा ने कहा कि जिस शहर से मैं आती हूं, वहां सिंदूर लगाना एक फैशन है।
हालांकि, साल 1982 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक जब रेखा को ‘उमराव जान’ फिल्म के लिए नेशनल अवार्ड दिया जा रहा था, तब राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने उनसे ‘सिंदूर’ पर सवाल पूछ ही लिया। इस बात का जवाब देते हुए रेखा ने कहा कि जिस शहर से मैं आती हूं, वहां सिंदूर लगाना एक फैशन है।
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