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Showing posts from October, 2019
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गुमनाम हैं कोई - Gumnaam Hai Koi Lyrics from Gumnaam फिल्म / एल्बम : गुमनाम (1965) संगीत दिया है: जयकिशन दयाभाई पंचाल गीत के बोल: हसरत जयपुरी गायक: लता मंगेशकर गुमनाम हैं कोई बदनाम हैं कोई किसको खबर कौन हैं वह अनजान हैं कोई (2) गुमनाम हैं कोई.. किसको समजे हम अपना कल का नाम हैं एक सपना (2) आज अगर तुम जिन्दा हो तोह कल के लिए के लिए माला जपना गुमनाम हैं कोई बदनाम हैं कोई किसको खबर कौन हैं वह अनजान हैं कोई गुमनाम हैं कोई पल दो पल की मस्ती हैं बस दो दिन की बस्ती हैं (2) चैन यहाँ पर महंगा हैं और मौत यहाँ मौत यहाँ पर सस्ती हैं गुमनाम हैं कोई बदनाम हैं कोई किसको खबर कौन हैं वह अनजान हैं कोई गुमनाम हैं कोई कौन बला तूफ़ानी हैं मौत को खुद हैरानी हैं (2) आये सदा विरानो से जो पैदा हुवा पैदा हुवा वह पनि हैं गुमनाम हैं कोई बदनाम हैं कोई किसको खबर कौन हैं वह अनजान हैं कोई (2) गुमनाम हैं कोई...
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दिलबरो - Ungli Pakad Ke Tune Lyrics from Raazi फिल्म / एल्बम :  राज़ी (2018) संगीत दिया है:  शंकर-एहसान-लॉय गीत के बोल:  गुलज़ार गायक: हर्षदीप कौर, शंकर महादेवन ब छसे खान मज कूर द्यु म रुखसात म्यान बोय जानो  (2) ब छसे खान मज कूर उंगली पकड़ के तूने चलना सिखाया था ना दहलीज़ ऊँची है ये पार करा दे बाबा मैं तेरी मलिका टुकड़ा हूँ तेरे दिल का इक बार फिर से दहलीज़ पार करा दे मुड़ के ना देखो दिलबरो दिलबरो मुड़ के ना देखो दिलबरो मुड़ के ना देखो... फसलें जो काटी जायें, उगती नहीं हैं बेटियाँ जो ब्याही जाएँ, मुड़ती नहीं हैं ऐसी बिदाई हो तो, लंबी जुदाई हो तो दहलीज़ दर्द की भी पार करा दे बाबा मैं तेरी मलिका... मेरे दिलबरो बर्फें गलेंगी फिर से मेरे दिलबरो फसलें पकेंगी फिर से तेरे पाँव के तले मेरी दुआ चले दुआ मेरी चले उंगली पकड़ के तूने...
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ऐ वतन वतन मेरे - Ae Watan Watan Mere Abad Lyrics from Raazi फिल्म / एल्बम : राज़ी (2018) संगीत दिया है: शंकर-एहसान-लॉय गीत के बोल: गुलज़ार, अल्लमा इकबाल गायक: अरिजीत सिंह, सुनिधि चौहान ऐ वतन... मेरे वतन... ऐ वतन आबाद रहे तू आबाद रहे तू ... (2) ऐ वतन वतन मेरे आबाद रहे तू (3) मैं जहाँ रहूँ जहाँ में याद रहे तू... (2) ऐ वतन... मेरे वतन... (2) तू ही मेरी मंजिल है पेहचान तुझी से.. (2) पोहुंचू मैं जहां भी मेरी बुनियाद रहे तू... (2) ऐ वतन वतन मेरे आबाद रहे तू मैं जहाँ रहूँ जहाँ में याद रहे तू ऐ वतन... मेरे वतन... (2) आ... आ... तुझपे कोई ग़म की आंच आने नहीं दूं (2) कुर्बान मेरी जान तुझपे शाद रहे तू (2) ऐ वतन वतन मेरे आबाद रहे तू मैं जहाँ रहूँ जहाँ में याद रहे तू ऐ वतन  (2) मेरे वतन (2) ऐ वतन  (2) मेरे वतन (2) आबाद रहे तू (2) ऐ वतन मेरे वतन आबाद रहे तू...
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रुक जाना नहीं - Ruk Jana Nahi Lyrics from Imtihan फिल्म / एल्बम : इम्तिहान (1974) संगीत दिया है: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल गीत के बोल: मजरूह सुल्तानपुरी गायक: किशोर कुमार रुक जाना नहीं तू कहीं हार के काँटों पे चल के मिलेंगे साये बहार के ओ राही, ओ राही (2) नैन आंसू जो लिये हैं ये राहों के दिये हैं (2) लोगों को उनका सब कुछ देके तू तो चला था सपने ही लेके कोई नहीं तो तेरे अपने हैं सपने ये प्यार के सूरज देख रुक गया हैं तेरे आगे झुक गया हैं (2) जब कभी ऐसे कोई मस्ताना निकले हैं अपनी धून में दीवाना शाम सुहानी बन जाते हैं दिन इंतजार के ओ राही ओ राही (2) रुक जाना नहीं तू कहीं हार के काँटों पे चल के मिलेंगे साये बहार के ओ राही ओ राही (2) साथी ना कारवाँ हैं ये तेरा इम्तिहान हैं यूं ही चला चल दिल के सहारे करती हैं मंजिल तुझ को इशारे देख कही कोई रोक नहीं ले तूझ को पुकार के.. रुक जाना नहीं तू कहीं हार के काँटों पे चल के मिलेंगे साये बहार के ओ राही ओ राही (2) नैन आंसू जो लिये हैं ये राहों के दिये हैं (2) लोगों को उनका सब कुछ देके तू तो चला था सपने ही लेके कोई नहीं तो तेरे अपने हैं सपने ये प्यार...