'अंदाज़'-ए-यूसुफ़! 'अंदाज़' (१९४९) में नर्गिस, राज कपूर और दिलीपकुमार..त्रिकोणीय प्रेम! 'अंदाज़' (१९४९) के फ़िल्मकार मेहबूब खान. मेहबूब खान साहब की क्लासिक फ़िल्म 'अंदाज़' (१९४९) एक मशहूर तथा अभिजात त्रिकोणीय प्रेमकथा थी! इसे अब ७० साल पुरे हो गएँ! ट्रैजेडी किंग दिलीपकुमार, आशिक़मिजाज राज कपूर और इन दोनों के दिलों में समायी थी..हसीन नर्गिस! यहाँ इश्क़ का इज़हार कर नहीं पा रहे दिलीपकुमार अपनी गंभीर मुद्रा में प्यार की उदात्त भावना संभाले हुए थे..तो दूसरी तरफ दिलफेंक राज कपूर प्यारका जाल सहजता से बिछाने में माहीर थे! 'अंदाज़' (१९४९) में नर्गिस और दिलीपकुमार एक भावुक क्षण में! मेरे इसमें से सबसे दो पसंदीदा सीन्स है.. एक में नर्गिस दिलीपकुमार को कहेती है.. "याद है मैंने कहाँ था की बिजली तो जिस पर गिरने वाली थी वो गिर चुकी है!" उसपर दिलीपकुमार साँस को अंदर लिए आँखों में मायूसी लेकर बोलता है.. "हाँ बिलकुल याद है..और तुमने ये भी कहाँ था की कोई ग़लतफ़हमी न कर बैठना!" 'अंदाज़' (१९४९) में नर्गिस, राज कपूर और लाजवाब ...
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